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असनमञ्जिष्ठादि तैलं/केरतैलं
असनादिचतुर्थानां भेषजानांसुपाचिते
क्वाथेदद्यात्कल्कितानि मञ्जिष्ठादीनि
बुद्धिमान् ॥
कुमार्याश्चरसंतैलंगोक्षीरंसमभागिकं
दत्वापचेत्३ाीतलेचतैलेन्दुमुपयोगितं ॥
नेत्ररोगेशिरोरोगेप्यभ्यंङ्गात्फलदायकं
तैलंवाकेरतैलंवायोगेस्मिन् सम्प्रयुज्यतां
विजयसार, बेल, बलामूल, गिलोय की
क्वाथ में मञ्जिष्ठादि तेल की दवायें
पीसकर कुमारीस्वरस और गोक्षीर
उंडेलकर तेल अथवा नारियल की तेल
पकायें । पात्रपाक केलिये कर्पूर डाल-
कर उपयोग करने से शिरोरुक और नेत्र रोग नष्ट होता है ।
Asanamanjishtadi Tailam/Ke
ratailam.
This promotes comfort of
eyes, ear and head and
prevents catarrh.
Usage: Required quantity to
be applied on the head.
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